कुशा की पावित्रि एक साधक के लिए।नित्य पूजन विधि
कुशा की अंगूठी धारण करके ही पूजा पाठ जप अनुष्ठान इत्यादि करने पर पूर्ण फलदाई होता है। इसलिए यह विधि
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Read Moreदेवकार्य पितृ कार्य इत्यादि में मंत्रपूत जल एवं नारायण नामोच्चारण सहित इस पंचभूतात्मक शरीर को पवित्र किया जाता है जिससे
Read Moreअशुद्ध आसन पर बैठकर किये गये पूजन कर्म के फल को डाकिनी ले लेती हैं। इसलिए आसन का पवित्रकरण अति
Read Moreनित्य पूजन कर्म एवं किसी भी साधना अनुष्ठान के समय एक नये साधक को इस सरल विधि से जलपात्र के
Read Moreनित्य पूजन कर्म एवं किसी भी साधना अनुष्ठान के समय एक नये साधक को इस सरल विधि से जलपात्र में
Read Moreकलश स्थापना का सही विधान जानना बहुत ही आवश्यक है। समस्त पुजा कलश यानी घट पर ही होता है। सामान्य
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