Grihasth Tantra

पूजा विधान

शरीर पवित्रकरण विधान

देवकार्य पितृ कार्य इत्यादि में मंत्रपूत जल एवं नारायण नामोच्चारण सहित इस पंचभूतात्मक शरीर को पवित्र किया जाता है जिससे हमारे मंत्र पाठ फलित हों। नये साधक देखकर सीखें व अभ्यास करें।