कुशा की पावित्रि एक साधक के लिए।नित्य पूजन विधि
कुशा की अंगूठी धारण करके ही पूजा पाठ जप अनुष्ठान इत्यादि करने पर पूर्ण फलदाई होता है। इसलिए यह विधि आरंभ में क्रमगत कर लेनी चाहिए। नये साधक देखकर सीखें और करें।
कुशा की अंगूठी धारण करके ही पूजा पाठ जप अनुष्ठान इत्यादि करने पर पूर्ण फलदाई होता है। इसलिए यह विधि आरंभ में क्रमगत कर लेनी चाहिए। नये साधक देखकर सीखें और करें।