Grihasth Tantra

पूजा विधान

हवन के बाद तर्पण तथा मार्जन की सरल विधि।

हवन के बाद तर्पण तथा मार्जन करना आवश्यक होता है। जैसे खाना खाने के बाद पानी पीना जरूरी होता है ठीक वैसे ही इसे समझें। हवन कुंड में आहुति देवताओं का कौल यानी भोजन जिससे उनकी पुष्टी होती है। तर्पण करने से उनको तृप्ति मिलती है। तथा मार्जन करने से मंत्र की शक्ति शरीर में अंशात्मक रूप से प्रतिष्ठित हो जाती है। अतः किसी भी मंत्र का पुरश्चरण अनुष्ठान इसी पंचाग सेवन से होता है। आप सब इस विधि से हवन को पुर्णता से करें।