Grihasth Tantra

श्री भैरव साधना

श्री बटुक भैरव हृदय स्तोत्र। देवी एवं भैरव जी की तुरंत कृपा हेतु।

आप भगवती के किसी भी स्वरूप की पूजा साधना करते हों। कुलदेवी की पूजा करते हों। जब तक भैरव जी की कृपादृष्टि आप को नही प्राप्त होगी तब तक आप साधना मार्ग पर पूर्ण सफल हो ही नही पायेंगे। सनातन घर घर में भैरव जी अंश रूप से विराजमान हैं। अतः उनकी कृपा से ही घर वंश की रक्षण होती है। आप चाहे कोई साधना करें या ना करें यह भैरव पाठ कम से कम ग्यारह हजार जप करें और फिर नियमित पाठ सुबह शाम रात जब भी समय हो करें।

श्री बटुक भैरव हृदय स्तोत्रम् यहां से PDF डाउनलोड करें

https://drive.google.com/file/d/1K754siLS4B_5GZfryChJ5bipwd0lauKE/view