Grihasth Tantra

पूजा विधान

जल अभिमंत्रित करने की विधि। अभिमंत्रित जल से ही देव पूजन होता है।

नित्य पूजन कर्म एवं किसी भी साधना अनुष्ठान के समय एक नये साधक को इस सरल विधि से जलपात्र में जल को अभिमंत्रित करना चाहिए। इसी अभिमंत्रित जल से आचमन इत्यादि एवं देवपूजन प्रक्रिया करनी चाहिए। नये साधक देखें एवं सीखें। अभी नवरात्र काल हेतु अभ्यास कर लें।