श्री काली कवच, शत्रु का समूल नाश करने वाला, बडे़ से बडा़ अभिचार नष्ट करने में समर्थ।
इस कवच को सिद्ध करके प्रयोग करने से बड़ा से बड़ा अभिचार भगवती काली के योगिनियों द्वारा नष्ट कर दिया जाता है। अभिचार या अन्य तंत्र बाधा से संतान ना जन्म ले रहा हो अथव किसी स्त्री को गर्भ ठहरता ही ना हो जबकी वह चिकित्सा की दृष्टि से स्वस्थ हों तब ऐसी परिस्थिति में इस कवच के प्रयोग विधान से तथा पाठ इत्यादि से अथवा अनुष्ठान से वह स्त्री गर्भ धारण कर सकती हैं। शत्रु के षड्यंत्र में या झुठा राजभय यानी मुकदमा इत्यादि हो तब मां काली का तंत्रोक्त पंचतायन मंडल बनाकर इसका अनुष्ठान करने से व्यक्ति इन सबसे मुक्त हो जाता है।
त्रैलोक्य को भी वशीकृत करने में सक्षम है इस कवच का साधक अतः आकर्षण में वृद्धि होता है। आकर्षण वह मनुष्य का कर पायेगा या देव योनियों का यह उसके सोच बुद्धि और मानसिक अवस्था पर निर्भर करता है। इसलिए इस कवच के साधक को निर्मल हृदय एवं पवित्र विचारों वाला होना चाहिए। इस कवच में अनेक बीजाक्षर हैं अतः यह कवच अत्यंत उग्र और त्वरित प्रभाव देने वाला है। इसलिए उपरोक्त विडियो में बताये गये विधान नियम और आवश्यकता को सुन कर समझ कर ही प्रयोग करें। अन्यथा हानि की संभावना रहती है।
जगन्मंगल काली कवच का PDF डाउनलोड करें
https://drive.google.com/file/d/1NL6SFW-i8rEDFLhRuYJM9nmiLNcxCGKJ/view
इसके हवन विधान में काली शतनाम अथवा ककारादि शतनामावली का उपयोग करना चाहिए। काली शतनामावली PDF डाउनलोड करें –
https://drive.google.com/file/d/1NLCXkfZic1jjtqYa9Fsqwx5xp7az011a/view
साधिकाओं के लिये यह ध्यान देने योग्य बात है की आप आरंभिक हवन घी से ना करें। साधिकायें आरंभिक आहूति निम्न सामग्रियों से दें। आप घी से आहुति ना दें। आरंभिक आहुति के लिये आप यह सामग्री बना लें 1 किलो काला तिल 1/2 किलो जौ 250 ग्रा चावल इसमें 100 ग्रा मधु और केवल 50 ग्रा घी मिलाकर मिश्रण बनाकर एक डब्बा में रख लें। और इससे आरंभिक आहुति दिया करें। हवन का आरंभ कैसे करना है और किन मंत्रों से आहुतियां डालनी है उसके हेतु यहां देखें। • नवरात्रि हवन विधि…
मुख्य आहुति यानी काली जी के 108 नामों से देने के लिये उपरोक्त सामग्री में जिससे आरंभिक आहुति देनी है उसमें 250 ग्राम काला मिर्च मिला लिजिये। और आहुति दीजिये।