अक्षय तृतीया पर महालक्ष्मी तंत्रोक्त कलश स्वयं सिद्ध करें?
श्री विहीन का सम्मान कहीं नहीं होता। कर्ज धनहीन व्यक्ति सदैव तिरस्कार का पात्र बनता है। गृहस्थों के लिये धनप्राप्ति हेतु भगवती श्री संपदा वसुधा महालक्ष्मी के तंत्रोक्त प्रयोग का अनंत दिव्य काल है यह अक्षय तृतीया।
इसके सिवाय धनतेरस, दीपावली,अक्षय नवमी,कार्तिक पूर्णिमा, चैत्र प्रतिपदा,शरद पूर्णिमा व अन्य सभी शुक्ल पक्ष पंचमी व पूर्णिमा को भी यह एकदिवसीय तंत्रोक्त सिद्ध विधान कर सकते हैं।
देवराज इन्द्र कृत महालक्ष्मी अष्टकम् का दिये गये लिंक से Pdf डाउनलोड करें। इसे से सभी तंत्रोक्त सामग्रियों को अभिमंत्रित करना है।
https://drive.google.com/file/d/1lpuqRGMVrBaQDz9hpbQ_uRngdl14LzXP/view