Description
गुरु मंडल के अधिष्ठाता भगवान दत्तात्रेय का यह कवच हर मनुष्य धारण कर सकता है। दलादन मुनि को उपदेशित इस कवच का यंत्रात्मक स्वरुप कुल परंपराओं में आज भी सुरक्षित है। प्रत्येक गृहस्थ हर दोष से मुक्ति व गुरु कृपा मंत्र कृपा सिद्धि आदि हेतु व विशेष कर सर्वत्र रक्षा हेतु इसे नित्य धारण कर सकते हैं।
भगवान दत्तात्रेय तीनों महाशक्तियों की समग्र ऊर्जाओं को धारण करने वाले महागुरु हैं। तंत्र साधना करने वाले, पितृ दोष से पीड़ित, देव पितृ मातृ भातृ मित्र गुरु द्वारा श्रापित्त, गुरु हीन , विभिन्न पैशाचिक उपद्रवों से परेशान मनुष्य इस दिव्य कवच को धारण करे तथा नित्य इसी वज्र कवच का सुबह शाम 3-3 पाठ करे तो अवश्यमेव लाभ हो।
कवच धारण कर गाय व श्वान को कभी पीड़ित ना करें। साधु का कभी अपमान या उपहास ना करें।
महाकुंभ समापन के उपरांत 26 फरवरी के पश्चात अगले 15-30 दिनों में यह कवच आपको प्राप्त हो जायेगा।
ध्यान दें – कवच यंत्र का संलग्न छायाचित्र केवल प्रदर्शन हेतु है। कवच के चांदी निर्मित खोल का डिजाइन दिखाये गये चित्र से भिन्न हो सकता है।
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