Description
कुंभ महापर्व का यह सबसे अति विशिष्ट आयोजन रहेगा जिसमें पूरे कुंभ पर्यंत विविध क्रमगत अनुष्ठान होंगे। इनका शुभांरभ श्री पौष पूर्णिमा के श्री महागणपति सपर्या शाकंभरी महापूजन से होगा व मकर संक्रांति पर नवग्रह मातृका शक्ति पूजनं, श्री महागुरु दत्तात्रेय याग सहित क्रमगत आगे बढ़ेगा। श्री 56 विनायक पूजन, श्री द्वादश माधव पूजन सहित श्री शतचंडी महायज्ञ अनुष्ठान व पूरे कुंभ महापर्व में वृहदात्मक श्री चक्र श्रीश्री यंत्र स्वामिनी का समग्र मंडल सहित अति वृहद दिव्य लक्ष अर्चन (कोटी पुण्य दायक त्रिवेणी महाकुंभ) महाअर्चन होगा। संग ही नित्य त्रिवेणी जी में गंगा आदि सहस्रार्चनम्, श्री पार्वती गीता पाठ, श्री महारुद्र अतिरुद्र महाअभिषेकम् सहित सहस्राधिक दीपदान पूरे कुंभ महापर्व में संपन्न किया जायेगा। दिव्य तिथि पर अन्नक्षेत्र प्रसाद आयोजित रहेगा। श्री माघ पूर्णिमा पर भगवती राजराजेश्वरी महात्रिपुर सुंदरी के जयंती पर पूर्णाभिषिक्त साधकों द्वारा कुछ विशेष पूजन सौभाग्य अर्चन आदि भी होगा जो गुप्त रहेगा।
अनुष्ठान में संकल्पित साधकों को महाशिवरात्रि 26 फरवरी के उपरांत अगले 15-30 दिनों में श्री दुर्गा सप्तशती महायंत्र नित्य पूजन हेतु रजत निर्मित 2.5 इंच का (जिस पर आप भगवती ललिता, भगवती दुर्गा,भगवती बगला का पूजन कर सकते हैं) , श्री महागणपति चंडिका तंत्रोक्त दिव्य रुद्राक्ष माला धारण हेतु, श्री तुलसी जी की चांदी में गुंथी हुई 54 दानों की माला जिस पर वेणी माधव सहित द्वादश माधवों का पूजन हुआ रहेगा व श्री चौंसठ योगिनी तंत्रोक्त रक्षा कवच रजत निर्मित, प्रसाद सहित भेजा जायेगा।
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