Description
भगवान शरभ और नृसिंह जी में प्रचंडतम युद्ध को रोकने हेतु आदिशक्ति ने प्रत्यंगिरा का स्वरूप धारण किया था तथा दोनों महाशक्तियों के तेज को स्वयं के भीतर निग्रह करके उन्हें निस्तेज कर दिया तथा युद्ध रोक दिया। अपराजिता व निकुंभला इनके ही स्वरूप हैं। इनका यह कवच धारण करके नित्य प्रत्यंगिरा अष्टोत्तर शतनाम का पाठ करें तो देवी रक्षा करतीं हैं। यह कवच तभी आप लें जब आपको शत्रु या तंत्र से प्राण भय हो।
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