Description
भगवान श्री हनुमान जी का पंचमुखी स्वरुप पूर्ण तंत्रोक्त विग्रह है। इनके स्वरुप का दिव्य कवच मर्कटेश्वर कवच के नाम से भी विख्यात है। बहुत अधिक प्रेत पिशाच के आवेश की स्थिति बनती हो तो हनुमान जी के मंदिर में पंचमुखी हनुमान कवच का नित्य पांच पाठ व इस कवच को धारण करें तो हनुमद् कृपा से अत्यंत लाभ हो। कवच धारण कर स्त्री निंदा कभी नहीं करना चाहिए और व अपनी धर्मपत्नी के सिवाय अन्य किसी पर स्त्री का सतीत्व हरण नहीं करना चाहिए।
इस कवच के द्वारा हनुमान जी से साधक को ना केवल रक्षा प्राप्त होती है वरन साधक को भुमि धन ऐश्वर्य पद प्रतिष्ठा व ओजस्विता की भी प्राप्ति होती है।
महाकुंभ समापन के उपरांत 26 फरवरी के पश्चात अगले 15-30 दिनों में यह कवच आपको प्राप्त हो जायेगा।
ध्यान दें – कवच यंत्र का संलग्न छायाचित्र केवल प्रदर्शन हेतु है। कवच के चांदी निर्मित खोल का डिजाइन दिखाये गये चित्र से भिन्न हो सकता है।
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