Description
भगवती की सेवा में तत्पर चौंसठ योगिनी मातायें अत्यन्त उग्र व तीव्रगामी होतीं हैं। जगदंबा के जितने भी स्वरूप हैं सभी के अलग अलग चौंसठ योगिनी माताओं के विषय प्राप्त होते हैं। प्रस्तुत महाकवच भगवती श्री दुर्गा (महाकाली महालक्ष्मी महासरस्वती) के प्रमुख स्वरुप के चौंसठ योगिनी माताओं का कवच है। इनके धारणकर्त्ता को हर प्रकार से दिव्य सुरक्षा , तंत्र साधना के क्षेत्र में सफलता, आलौकिक अनुभव, रहस्य अनावरण, ध्यान अथवा निद्रा में दिव्य लोकों का रहस्य, स्वप्न सिद्धि, चेटकी विद्या रहस्य का ज्ञान आदि योग्यता अनुसार प्राप्त होता रहता है। साधक को कभी भी किसी भी स्त्री का अपमान नहीं करना चाहिए। यह 64 मातृकाएं धन बल यश समृद्धि सुरक्षा वंश वृद्धि आदि समस्त लौकिक सुख अपने साधक को प्रदान करतीं हैं। इस कवच को धारण करने वाले नित्य श्री दुर्गा अष्टोत्तर शतनाम का 9 पाठ करें तथा सप्तश्लोकी दुर्गा का 7 पाठ करें एवं कुत्तों को नमकीन खिलायें तो देवी की विशेष कृपा पात्र बन जातें हैं।
महाकुंभ समापन के उपरांत 26 फरवरी के पश्चात अगले 15-30 दिनों में यह कवच आपको प्राप्त हो जायेगा।
ध्यान दें – कवच यंत्र का संलग्न छायाचित्र केवल प्रदर्शन हेतु है। कवच के चांदी निर्मित खोल का डिजाइन दिखाये गये चित्र से भिन्न हो सकता है।
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