Grihasth Tantra

श्री अनघेश्वर दत्त महासपर्या

5,100.00

श्री अनघेश्वर संपूर्ण सपर्या
भगवान महागुरु दत्तात्रेय व भगवती अनघा के इस संपूर्ण सपर्या में महासिद्ध यंत्र के संपूर्ण विधान सहित श्री दत्त व अनघा हृदय पाठ, दत्तोपनिषद् पाठ,अनेघेश्वर वज्र कवच का पाठ सहित संपूर्ण राजसिक विधान द्वारा महासपर्या होगा। इस विधान में भगवान दत्तात्रेय के रजत युक्त दंड सहित श्री दत्त मुद्रा रजत निर्मित भी प्राण प्रतिष्ठित करके समस्त विधानों द्रारा अभिमंत्रित की जायेगी‌। श्री दत्त मुद्रा हर कोई अपने निवास पर विराजमान कर सकता है व पूजन स्थान पर इनपर ही भगवान दत्तात्रेय से संबंधित धुप दीप समर्पित होगा। इस मुद्रा की तंत्रोक्त महत्ता अत्यंत अधिक है। इन मुद्रा को लाल अथवा पीले वस्त्र के आसन पर रख श्री दत्तात्रेय वज्र कवच का पाठ अद्भुत व दिव्य प्रभावशाली प्रभाव प्रदान करने वाले होता है। श्री दत्तात्रेय श्री विग्रह के अभाव में इन तंत्रोक्त रजत दत्त मुद्रा पर ही गुरु संबंधित व भगवान दत्तात्रेय संबंधित सभी जप आदि का समर्पण करना चाहिए।

इन सभी के साथ ही मणिकर्णिका घाट स्थित भगवान दत्तात्रेय के पादुका स्थल पर यथासामर्थय पूजन व 15 दिसंबर को देवराहा बाबा आश्रम पर साधुओं का भंडारा आप सभी गृहस्थ तंत्र साधकों के कल्याणार्थ संकल्प से कराया जाना निश्चित हुआ है।
साथ ही स्मरण दिला दें की श्रीमद्भागवत जी के मूल पंच पारायण की पूर्णाहुति भी 15 दिसंबर को ही है( इस चैत्र नवरात्र से लेकर मार्गशीर्ष अमावस्या तक जो भी लोग गृहस्थ तंत्र द्वारा कोई भी अनुष्ठान करवायें हैं उन सभी के नाम से संकल्पित पाठ चल रहा है निशुल्क)

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Description

त्रिदेवों के साक्षात अंश को धारण करने वाले ब्राह्मण में गुरु तत्व का प्रतिपादन करने वाले, वैष्णव शैव कपालिक कौल अघोर सभी प्रमुख कुलाचारों के आदि गुरु भगवान दत्तात्रेय के आविर्भाव अवतरण तिथि पर भगवान दत्तात्रेय व उनकी महाशक्ति भगवती अनघा लक्ष्मी के दिव्य तंत्रोक्त याग का आयोजन गृहस्थ तंत्र परिवार द्वारा किया जा रहा है।‌

इस अनुष्ठान में विविध तंत्रोक्त सामग्रियों से भगवान दत्तात्रेय व भगवती अनघा समेत समस्त सिद्ध मंडल के प्रसन्नता हेतु सहस्राधिक आहुतियां दी जायेंगी। कुलपितरों की तृप्ति , अभिचार मुक्ति, शत्रुओं के विद्याओं का बंधन, समस्त वायव्य दोषों का शमन, ग्रह पीड़ा शमन व धन धान्य समृद्धि के हेतु सभी के लिये संकल्प रहेगा।

1. श्री दत्तात्रेय सहस्रार्चन
2. तंत्रोक्त हृदय व दत्त उपनिषद पाठ व माला मंत्र तर्पण
3. गौ माता की सेवा
4.तंत्रोक्त अष्टोत्तर दीपदान
5. रात्रि कालीन भव्य तंत्रात्मक हवन।
6. श्री अनघा तंत्रोक्त माला मंत्र आहुति
7. अनघेश्वर वज्र कवच द्वारा दत्त मुद्रिका अभिमंत्रण

श्री अनघेश्वर संपूर्ण सपर्या
भगवान महागुरु दत्तात्रेय व भगवती अनघा के इस संपूर्ण सपर्या में महासिद्ध यंत्र के संपूर्ण विधान सहित श्री दत्त व अनघा हृदय पाठ, दत्तोपनिषद् पाठ,अनेघेश्वर वज्र कवच का पाठ सहित संपूर्ण राजसिक विधान द्वारा महासपर्या होगा। इस विधान में भगवान दत्तात्रेय के रजत युक्त दंड सहित श्री दत्त मुद्रा रजत निर्मित भी प्राण प्रतिष्ठित करके समस्त विधानों द्रारा अभिमंत्रित की जायेगी‌। श्री दत्त मुद्रा हर कोई अपने निवास पर विराजमान कर सकता है व पूजन स्थान पर इनपर ही भगवान दत्तात्रेय से संबंधित धुप दीप समर्पित होगा। इस मुद्रा की तंत्रोक्त महत्ता अत्यंत अधिक है। इन मुद्रा को लाल अथवा पीले वस्त्र के आसन पर रख श्री दत्तात्रेय वज्र कवच का पाठ अद्भुत व दिव्य प्रभावशाली प्रभाव प्रदान करने वाले होता है। श्री दत्तात्रेय श्री विग्रह के अभाव में इन तंत्रोक्त रजत दत्त मुद्रा पर ही गुरु संबंधित व भगवान दत्तात्रेय संबंधित सभी जप आदि का समर्पण करना चाहिए।

इन सभी के साथ ही मणिकर्णिका घाट स्थित भगवान दत्तात्रेय के पादुका स्थल पर यथासामर्थय पूजन व 15 दिसंबर को देवराहा बाबा आश्रम पर साधुओं का भंडारा आप सभी गृहस्थ तंत्र साधकों के कल्याणार्थ संकल्प से कराया जाना निश्चित हुआ है।
साथ ही स्मरण दिला दें की श्रीमद्भागवत जी के मूल पंच पारायण की पूर्णाहुति भी 15 दिसंबर को ही है( इस चैत्र नवरात्र से लेकर मार्गशीर्ष अमावस्या तक जो भी लोग गृहस्थ तंत्र द्वारा कोई भी अनुष्ठान करवायें हैं उन सभी के नाम से संकल्पित पाठ चल रहा है निशुल्क)

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