Description
अभिचार नाश व शत्रु के प्रयोगों को उलट करने में महाभैरव पाठ की महिमा सर्वविदित है। यह उन महाभैरव का कवच अमोघ है। धारणकर्त्ता अगर कवच धारण उपरांत नित्य पांच पाठ महाभैरव के करता रहे तो उसके सूक्ष्म स्थुल शरीर पर भैरव जी के वीरों का पहरा हो जाता है तथा अभिचार आदि की स्थिति में त्वरित कार्रवाई आरंभ हो जाती है। शुद्ध आचरण व्यवहार से इस कवच को बल मिलता है। इस कवच धारणकर्त्ता अकारण किसी पर प्रयोग करे तो इसका ही अहित हो जाता है।
महाकुंभ समापन के उपरांत 26 फरवरी के पश्चात अगले 15-30 दिनों में यह कवच आपको प्राप्त हो जायेगा।
ध्यान दें – कवच यंत्र का संलग्न छायाचित्र केवल प्रदर्शन हेतु है। कवच के चांदी निर्मित खोल का डिजाइन दिखाये गये चित्र से भिन्न हो सकता है।
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