Description
भगवान महाभैरव का दुसरा तंत्रोक्त हवन व राजोपचार पूजन सुरा अर्चन सहित आवरण मंडल का सम्यक पूजन तंत्र पीठ पर होगा इसमें सम्मिलित संकल्पित साधक को एक ताम्र कलश जो महाभैरव के रक्षौघ मंत्रों से जागृत रहेगा भेजा जायेगा। इसे घर के मुख्य द्वार पर भूमि के भीतर गाड़ना है अथवा घर के भीतर दक्षिण अथवा नैऋत्य कोण में गाड़ अथवा लटका सकतें हैं। ध्यान रखें इसे मुख्य द्वार पर ऊपर ना लटकायें। यह कलश नकारात्मक ऊर्जाओं को शीघ्रता से निग्रह करेगी , यह जहां रखें वहां आप नित्य खड़े होकर एक धुप जलाकर महाभैरव मंत्र का 27 पाठ जप करें तो और लाभ हो। अधिक जप करें तो और अच्छा।
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