भगवान गणपति के अनेक स्वरूपों का वर्णन तंत्र क्षेत्र में मिलते हैं,उनके सभी स्वरूप व साधनात्मक तंत्र अनुष्ठान का संकलन गृहस्थ तंत्र के इस भाग में प्रभु महागणपति के गृहस्थ भक्तों हेतु किया गया है।
भगवान शिव के साक्षात अवतार भगवान भैरव के आगम तंत्र अनुसार अनेक स्वरूप हैं। कहीं आठ तो कहीं 64 स्वरूप व सभी शक्तिपीठ के अलग अलग भैरव हैं।यहां उनके तंत्रोक्त मंत्र आदि का संकलन किया गया है।
भगवती जगदंबा के अनंत स्वरूप हैं। नवदुर्गा,दसमहाविद्या,अनंत योगिनी व देवी स्वरूप में मां ने स्वरूप धारण किया है। उन स्वरूपों के तंत्र दर्शन का संकलन यहां किया गया है। माँ की विभिन्न साधनाएँ स्त्रोत कवच आदि यहाँ देखें.
भगवान महादेव के विभिन्न स्वरूप वैदिक-तांत्रिक-लौकिक हर स्वरूप में पूजित में। उनके विशिष्टतम् तांत्रिक स्वरूप के मंत्र विधान का संकलन यहां किया गया है
भगवान नारायण के विभिन्न स्वरूपों नृसिंह, संकर्षण, सुदर्शन, वामन वीर जैसे तंत्रोक्त स्वरूपों के तंत्र दर्शन तथा तंत्रोक्त विधानों का संकलन यहां किया गया है।
महारूद्र अवतार पवन सुत हनुमान जी से संबंधित तंत्र अनंत हैं। पौराणिक विधान हो या शाबरी ग्रामीण हर जगह भगवान कपीश्वर हनुमान जी से संबंधित तंत्र उपस्थित हैं।